What Does best hindi story Mean?
What Does best hindi story Mean?
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चेतना लौटने लगी। साँस में गंधक की तरह तेज़ बदबूदार और दम घुटाने वाली हवा भरी हुई थी। कोबायाशी ने महसूस किया कि बम के उस प्राण-घातक धड़ाके की गूँज अभी-भी उसके दिल में धँस रही है। भय अभी-भी उस पर छाया हुआ है। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा है। उसे साँस अमृतलाल नागर
एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद
बिच्छू ने अपने स्वभाव के कारण संत को डंक मारकर नाले में गिर गया।
आधुनिक बनने का प्रदर्शन करते शहरी मध्यवर्गीय परिवार के करियरिज़्म पर एक तीखी टिप्पणी की तरह है यह एक और अविस्मरणीय कहानी.
दो चूहे – Two Mice Hindi A mouse went out for an journey and satisfies a peculiar mouse or so he named himself. The mouse then went on to indicate and try to help make this so known as mouse show him self if he is as mousy as he claimed to generally be. So on they went, …
(एक) खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि अज्ञेय
Picture: Courtesy Amazon This is a believed-provoking novel penned by Kamleshwar, a renowned Indian writer. Originally released in Hindi, the novel delves in to the sophisticated cloth of India’s social and political landscape through the tumultuous duration of partition in 1947. Kamleshwar weaves a narrative that explores the impact of partition hindi story around the lives of everyday men and women and the deep-rooted scars it left within the nation’s collective psyche.
मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत बन जाती है।
मंदिर के बाहर कुछ लड़कों ने उसे पकड़ लिया।
उन हिरणियों के पैरों से विशाल को चोट लगी, वह रोने लगा।
यह दुर्भाग्य ही था कि इस कहानी को दलित विमर्श के तहत पिछले वर्षों में विवादों में घेरा गया.
‘क्यों बिरजू की माँ, नाच देखने नहीं जाएगी क्या?’ बिरजू की माँ शकरकंद उबाल कर बैठी मन-ही-मन कुढ़ रही थी अपने आँगन में। सात साल का लड़का बिरजू शकरकंद के बदले तमाचे खा कर आँगन में लोट-पोट कर सारी देह में मिट्टी मल रहा था। चंपिया के सिर भी चुड़ैल मँडरा फणीश्वरनाथ रेणु
मोती तीसरी कक्षा में पढ़ता है। वह स्कूल जाते समय अपने साथ दो रोटी लेकर जाता था। रास्ते में मंदिर के बाहर एक छोटी सी गाय रहती थी। वह दोनों रोटी उस गाय को खिलाया करता था।
interprets to “The home of Assistance” in English. The novel explores the societal norms and difficulties confronted by Women of all ages in early 20th-century India. The story revolves around the protagonist, Suman, a young and idealistic woman who strives for independence and self-realisation in a very conservative and patriarchal society. Suman’s journey usually takes her through several struggles and conflicts as she tries to break free from the standard roles assigned to Females.